किसान खेतों पर अपना काम करने में लगे हैं और राजनीतिक बेरोजगार हो चुके लोग फर्जी किसान बनकर सड़कों पर किसानों को बदनाम करने में लगे हैं

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किसान खेतों पर अपना काम करने में लगे हैं और राजनीतिक बेरोजगार हो चुके लोग फर्जी किसान बनकर सड़कों पर किसानों को बदनाम करने में लगे हैं।दरभंगा में किसानों के नाम पर बुलाए गए बंद का कहीं कोई असर देखने को नहीं मिला बंद पूरी तरह फ्लॉप रहा।

गिने चुने सड़कों पर कहीं कहीं मुख्य चौराहों पर गिने चुने वही लोग हैं जो पिछले ही महीने चुनाव में बुरी तरह जनता के द्वारा नकार दिए गए हुए हैं।उक्त बातें भारतीय जनता युवा मोर्चा के दरभंगा जिला अध्यक्ष ने किसान के नाम पर बुलाए गए भारत बंद के ऊपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कही।

आगे उन्होंने बताते हुए कहा कि नये किसान बिल आने के बाद बिहार का चुनाव हुआ था और बिहार की जनता ने एनडीए की स्पष्ट बहुमत की सरकार बनाकर इस बिल पर अपनी मुहर लगा दी है। सभी जगहों पर सभी स्तरों के चुनाव में लगातार बुरी तरह हार रहे विपक्षी हताश और निराश हो चुके हैं सत्ता प्राप्ति के छटपटाहट में कभी दलित कभी गुर्जर कभी पाटीदार कभी मुसलमान तो कभी किसान को मोहरा बनाकर वह केवल मोदी सरकार का विरोध करने का बहाना तलाश रही।

आगे श्री झा ने बताया कि नरेंद्र मोदी की सरकार ने पुरे देश में किसानों के लिए सिंचाई से दवाई तक की व्यवस्था के साथ-साथ सीधे उनके खातों में मुआवजे की राशि से सम्मान निधि तक की राशि पहुंचाने का काम किया है।और खासकर मिथिला क्षेत्र में यहां की मुख्य फसल मछली और मखान के लिए हजारों करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया है।

इसलिए विपक्षियों के पेट में दर्द हो रहा है।सड़कों पर वही हैं जो बिचौलिए के रूप में सौ में से पचासी पैसे हड़प कर अपना पेट और अपना खाता भरा करते थे नए किसान बिल से उन सभी बिचौलियों की कमाई अब सीधे किसानों को प्राप्त होगी इसलिए बरसों से कांग्रेस सरकार द्वारा पोषित वह बिचौलिए सड़कों पर किसान का भेष धरकर विरोध की नौटंकी कर रहे। देश की जनता इस बात को अच्छी तरह जान गई है इसलिए पूरे देश में आज बुलाया गया बंद पूरी तरह बेअसर साबित हुआ है।

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